हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार, डॉ. जाकिर हुसैन पुस्तकालय, जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय में स्थित भारत के प्रमुख शैक्षिक केंद्रों में से एक है, जिसे 1920 में स्थापित किया गया था और इसका नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. जाकिर हुसैन के नाम पर रखा गया है। इस पुस्तकालय मे 600,000 से अधिक पुस्तकों और 2,230 हस्तलिखित पांडुलिपिया है, जो विभिन्न भाषाओं में हैं, जिनमें उर्दू और फारसी भी शामिल हैं। इसे शोधकर्ताओं और छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण स्रोत माना जाता है।
इस पुस्तकालय के संग्रह में विविध विषयों को शामिल किया गया है, जैसे कि कुरआन विज्ञान, हदीस, कानून, सूफीवाद, दर्शन, तर्कशास्त्र, यूनानी चिकित्सा, ज्योतिष, गणित, खगोलशास्त्र, संगीत, रसायन शास्त्र, कविता, फारसी भाषा और साहित्य, शब्दकोश, इतिहास, भूगोल और हिंदू धर्म। इसके अलावा, पुस्तकालय में संस्कृत, वेद, उपनिषद, मनुस्मृति, रामायण, भगवद गीता, महाभारत, गुरु नानक, स्वामी दयानंद सरस्वती, और स्वामी विवेकानंद की पांडुलिपियाँ भी संरक्षित की जाती हैं।
इस पुस्तकालय का संरचनात्मक ढांचा पुस्तकालय, अध्ययन कक्ष, दस्तावेज़ केंद्र और विभिन्न विभागों से मिलकर बना है। यहां 600,000 से अधिक पुस्तकें संग्रहित हैं, जिनमें से 143,000 पुस्तकें उर्दू में हैं। यह पुस्तकालय वीडियो, इलेक्ट्रॉनिक संसाधनों, ई-बुक्स, ई-जर्नल्स और अन्य शैक्षिक सामग्री के लिए मुफ्त पहुंच प्रदान करता है। इस पुस्तकालय की पांडुलिपियाँ नूर इंटरनेशनल माइक्रोफिल्म सेंटर द्वारा डिजिटलाइज की गई हैं और इनकी सूची डिजिटल संसाधनों के खंड में इंटरनेशनल माइक्रोफिल्म सेंटर नूर की वेबसाइट पर उपलब्ध है।
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